इंदौर में मार्च में प्रस्तावित आईफा अवॉर्ड समारोह में फिल्मी सितारों को झाबुआ का कड़कनाथ मुर्गा और दाल-पानिया परोसने की पेशकश की गई है। यह कवायद कड़कनाथ को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए की जा रही है। इस बारे में कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और कड़कनाथ अनुसंधान एवं उत्पादन परियोजना के निदेशक डॉ. आईएस तोमर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखी है। आईफा अवॉर्ड 2020 का आयोजन 27-29 मार्च के बीच कराया जाएगा। इसके पहले एक कार्यक्रम 21 मार्च को भोपाल में वीकेंड म्यूजिक नाइट होगा।
मुख्यमंत्री ने हाल में लिखे अपने ब्लॉग में आईफा अवाॅर्ड समारोह को प्रदेश के आदिवासियों को समर्पित किया है। डॉ. तोमर ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे में फैट कम मात्रा में और प्रोटीन और आयरन भरपूर होता है। अपनी अन्य खूबियों के कारण यह पूरे प्रदेश में अलग पहचान बना चुका है। दाल-पानिया भी इस क्षेत्र का प्रसिद्ध व्यंजन है। यह दोनों व्यंजन फिल्मी सितारों को परोसे जाएं ताकि इन व्यंजनों को वैश्विक पहचान मिल सके। इसका सीधा फायदा यहां के आदिवासियों को होगा और क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से प्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल को भी इस बारे में लिखा गया है।
आदिवासियों के स्वयं सहायता समूह पालते हैं कड़कनाथ
डॉ. तोमर ने बताया कि हमने शासन को प्रस्ताव भेजा है। यदि इसे मान लिया जाता है तो हम आईफा अवाॅर्ड समारोह में कड़कनाथ की आपूर्ति कर सकते हैं। झाबुआ और आलीराजपुर में आदिवासियों के करीब 12 स्वयं सहायता समूह कड़कनाथ मुर्गे का उत्पादन और संरक्षण कर रहे हैं। इन समूहों से करीब 250 सदस्य जुड़े हैं। कड़कनाथ को गरीब आदिवासी पालते हैं और खुद भी खाने में उपयोग करते हैं। यदि आईफा में फिल्मी सितारों को इसे परोसा जाएगा तो वे भी इसके बारे में जानेंगे और इसकी अच्छी-खासी मार्केटिंग होगी।